मन और दिमाग में क्या अंतर हैं?

नमस्कार दोस्तों !!आज हम इस लेख में मन और दिमाग में क्या अंतर हैं? उसके बारे में आपको बताएंगे।सबसे पहले तो हम मन और दिमाग को English में क्या कहते हैं इसके बारे में जान लेते हैं।

◕➜ मन को English में Mind और                ➜ दिमाग(मस्तिष्क) को English में Brain कहते हैं।।

कई लोगों को शायद ये गलत लग रहा होगा लेकिन हकीकत ये है की मन को English में Mind और दिमाग(मस्तिष्क)को English में Brain कहते हैं।अब हम जानते हैं की मन और दिमाग क्या हैं।

मन(Mind) क्या हैं? 

भाव,घृणा,ईर्ष्या,इच्छाएं,कामनाएं ये सब मन में होता हैं।हम जो भी काम करते हैं या आसपास की घटनाओं के बारे देखकर या सुनकर जो प्रतिक्रिया देते हैं उसमें मन की महत्वपूर्ण भूमिका है।मन को केवल महसूस किया जा सकता हैं।उसका कोई रंग या रूप नहीं होता हैं।हम मन को देख नहीं सकते हैं।मन कोई भौतिक शरीर का अंग नहीं हैं।मन सुक्ष्म शरीर का अंग हैं।मन के लिए क्षण महत्वपूर्ण हैं।
 
आयुर्वेदिक ग्रंथों में मन का निवास स्थान हृदय माना गया है।वहीं योग ग्रंथों में हृदय और दिमाग(मस्तिष्क) दोनों को मन का निवास स्थान माना गया हैं।ऐसा भी कहा जाता हैं की मन आत्मा के साथ जूडा हुआ हैं।

दिमाग (Brain) क्या हैं?

दिमाग हमारे भौतिक(स्थूल) शरीर का भाग होता हैं।दिमांग सिर में स्थित होता हैं तथा खोपडी द्वारा सुरक्षित रहता हैं।दिमाग मुख्य ज्ञानेन्द्रियों आँख,नाक,कान और जीभ से जुडा हुआ होता है और उनके करीब ही स्थित होता है।
 
दिमाग(मस्तिष्क)तंत्रिकाओं,कोशिकाओं, रक्त वाहिकाओं से बना होता है।दिमाग दृश्यमान हैं।इसलिए दिमाग को छुआ और देखा जा सकता हैं।हमे जो भी याद रहता वे सब दिमाग द्वारा रखा जाता हैं।दिमाग शरीर के विभिन्न अंगों के कार्यों का नियंत्रण एवं नियमन करता हैं।हम जो भी सोचते हैं,महसूस करते हैं उस विषय के बारे में जो भी जानकारियां होती हैं वे सब मन द्वारा दिमाग तक पहुंचती हैं।मन जो भी जानकारी दिमाग को भेजता हैं,ओर जो भी निर्णय लेना होता हैं वे सब दिमाग द्वारा लिया जाता हैं।फिर उसके बाद जो भी करना होता हैं वे सब काम कर्म इन्द्रियां द्वारा किया जाता हैं।दिमाग चेतना और मन के शांत काम करता हैं।

मन और दिमाग में क्या अंतर हैं?

अब हम जानते है की मन और दिमाग में क्या अंतर हैं।
 
◕➜ मन को माइंड और दिमांग को ब्रेन कहते हैं।
◕➜ मन अदृश्य हैं,इसलिए उसको देखा या छुआ नहीं जा सकता,जबकि दिमांग दृश्यमान हैं,इसलिए इसे देखा और छुआ जा सकता हैं।
◕➜ मन आत्मा के साथ जूडा हुआ होता हैं,जबकी दिमाग शरीर के साथ जूडा हुआ होता हैं।
◕➜ मन सूक्ष्म शरीर का भाग हैं,जबकि दिमाग स्थूल शरीर का भाग हैं।
◕➜ मन का वजन नहीं होता।क्युकी,मन अर्दश्य हैं।दिमाग का वजन 3 पाउंड हैं,क्युकी दिमाग दृश्यमान हैं।
◕➜ मन सब का एक-सा होता हैं,जबकि दिमाग सबका अलग – अलग होता हैं।
◕➜ मन में भाव,इच्छाएं,कामना,ईर्ष्या होती हैं,दिमाग में कोशिकाओं,रक्त वाहिकाओं,तंत्रिका होती हैं।      
◕➜ मन भावों का जगत हैं,दिमाग विचारो का जगत हैं।
◕➜ समाज हो या शास्त्र दिमाग की उपज हैं,समस्त कलाए मन की उपज हैं।
◕➜ मन की उपज भावों की गहराई हैं,दिमाग की उपज अच्छा – बुरा,लाभ – गेरलाभ,मेरा – तेरा, पाप – पुण्य हैं।
◕➜ मन स्वतंत्र हैं,खुलकर जीता हैं,जबकि दिमाग स्वतंत्र नहीं हैं,हजारों बंधनो में बंधा हैं। 
◕➜ मन कोई भी निर्णय नहीं लेता,जो भी हम निर्णय लेते हैं,उसके पीछे दिमाग होता हैं। 
◕➜ जो भी हम काम करते हैं वो सही है या गलत वे सब मन का भाव हैं, जो भी हम काम करते हैं वे अच्छा है या बुरा ये दिमाग का भाव हैं।
◕➜ मन का विषय creativity हैं,दिमाग का विषय creativity नहीं हैं।
◕➜ मन के लिए क्षण महत्वपूर्ण हैं,दिमाग के लिए फायदा-नुकसान महत्वपूर्ण हैं।
◕➜ मन कोई मेमरी नहीं हैं,जो भी याद रहता वे दिमाग में रहता,इसलिए मेमरी दिमाग का प्रकार हैं। 
◕➜ जो भी हम कार्य की प्लानिग करते हैं उसके पीछे दिमाग होता हैं।ये मन का विषय नहीं हैं।
◕➜ दिमाग शरीर के विभिन्न अंगों को कंट्रोल करता हैं,मन दिमाग को कंट्रोल करता हैं।

निष्कर्ष

☞  इस लेख में मन ओर दिमाग क्या हैं? मन ओर दिमाग में क्या अंतर हैं उसके बारे में बताया गया हैं।इस लेख में जो भी बताया गया हैं वे सब अच्छी तरीके से समझाने की हमने कोशिश की है और आपको अच्छी तरह से समझ में आ गया होगा।इस लेख में जो भी हमने बताया हैं उसमे कुछ भी भूल हुई हो तो उसके लिए हमे क्षमा करे।

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