Nato Full form |नाटो के सदस्य देश,मुख्यालय|nato members, headquarters in hindi
नमस्कार दोस्तों।रशिया और युक्रेन के बीच चलते युद्ध में आपने कहीं न कहीं तो नाटो के बारे में सुना ही होगा।आपके मनमें सवाल आया होगा की यह नाटो क्या हैं?तो आप लोगों के साथ हम इस लेख में nato के बारे में जानकारी शेयर करनेवाले हैं।
नाटो क्या हैं ?
नाटो एक विश्व का सबसे बडा सैन्य संगठन हैं।जिसकी स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की गई।भविष्य में ऐसी कोई भयानक घटना घंटित न हो इसके लिए इसकी स्थापना की गई।
जिसके अंतर्गत एक देश दूसरे देश में अपनी सेना भेजता हैं।साथ ही उसको हर परिस्थिति को निपटने का आदेश दिया जाता हैं,जिसके लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय ट्रेनिंग भी दी जाती हैं।
नाटो का पूरा नाम क्या हैं?nato Full form
Nato का पूरा नाम North Atlantic Treaty Organization (नॉर्थ अटलांटिक ट्रिटी ऑर्गेनाइजेशन) हैं।जिसको हिंदी में उत्तर अटलांटिक संधि संगठन कहते हैं।
नाटो की स्थापना कब हुई थी ?
नाटो की स्थापना 4 अप्रैल,1949 में वॉशिंगटन में हुई थी।
नाटो का मुख्यालय कहाँ स्थित हैं?
नाटो का मुख्यालय(headquarters) बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में स्थित हैं।
नाटो के सदस्य देश कितने हैं?
हाल में नाटो के सदस्य देश 30 हैं।
जब 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हुआ उसके बाद विश्व में अमेरिका और सोवियत संघ दो देश महाशक्ति के रूप में उभर आए।जिसके कारण यूरोप में खतरे की संभावना बढ गई थी।इस समस्या को देखते हुए ब्रिटेन,फ्रांस,बेल्जियम, निदरलैंड,लक्जमबर्ग देश ने एक संधि की।इस संधि के अनुसार यह निश्चित किया गया की,किसी भी देश पर अगर हमला होता हैं तो यह सभी देश एक दूसरे को सैन्य सहायता प्रदान करेंगे साथ ही आर्थिक और सामाजिक तौर पर भी मदद करेंगे।यह सभी देशों के बीच जो संधि हुई उस संधि को ब्रुसेल्स की संधि कहते हैं।
बर्लिन की घेराबंदी और सोवियत संघ के विस्तार को रोकने के लिए और अपने आपको शक्तिशाली बनाने के लिए अमेरिका ने इस स्थिति को स्वयं अपने हाथों में ले लिया और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर अनुच्छेद 15 के तहत उत्तर अटलांटिक संधि के एक प्रस्ताव की पेशकश की।इस संधि पर 12 देशों ने हस्ताक्षर किये।
इस संधि में अमेरिका के अलावा फ्रांस,ब्रिटेन,बेल्जियम,
कनाडा,निदरलैंड,लक्जमबर्ग,इटली,पुर्तगाल,आइसलैंड,नॉर्वे,डेनमार्क जेसे देश सामिल थे।
इन सभी देश के अलावा शीत युद्ध से पहले स्पेन,टर्की,पूर्व यूनान,पश्चिम जर्मनी यह सभी देश भी सदस्य बने।शीत युद्ध के बाद हंगरी,पोलैंड और चेक गणराज्य भी इसमें सामिल हो गए।इसके अलावा वर्ष 2004 में 7 देशों ने इसकी सदस्या ले ली।आज के समय में नाटो में कुल 30 सदस्य देश हैं।
नाटो के सदस्य देश (nato members)
क्रम | नाटो के सदस्य देश | नाटो में सामिल होने का वर्ष |
---|---|---|
1 | बेल्जियम | 1949 |
2 | कनाडा | 1949 |
3 | डेनमार्क | 1949 |
4 | फ्रांस | 1949 |
5 | आइसलैंड | 1949 |
6 | इटली | 1949 |
7 | लक्जमबर्ग | 1949 |
8 | नीदरलैंड | 1949 |
9 | नॉर्वे | 1949 |
10 | पुर्तगाल | 1949 |
11 | यूनाइटेड किंगडम | 1949 |
12 | संयुक्त राज्य अमेरिका | 1949 |
13 | यूनान | 1952 |
14 | तुर्की | 1952 |
15 | जर्मनी | 1955 |
16 | स्पेन | 1982 |
17 | चेक गणराज्य | 1999 |
18 | हंगरी | 1999 |
19 | पोलैंड | 1999 |
20 | एस्तोनिया | 2004 |
21 | बुल्गारिया | 2004 |
22 | लातविया | 2004 |
23 | लिथुआनिया | 2004 |
24 | रोमानिया | 2004 |
25 | स्लोवेनिया | 2004 |
26 | स्लोवाकिया | 2004 |
27 | अल्बानिया | 2009 |
28 | क्रोएशिया | 2009 |
29 | मोंटेनेग्रो | 2017 |
30 | उत्तर मैसेडोनिया | 2020 |
नाटो के वर्तमान महासचिव कोन हैं ?
नाटो के वर्तमान महासचिव नॉर्वे के पूर्व प्रधानमंत्री जेन्स स्टोलटेनबर्ग हैं।
भारत नाटो और सीटो का सदस्य क्यूं नहीं बना?
विश्वयुद्ध के बाद कई देश शक्तिशाली सगठनों में शामिल हो गए थे।जो देश ऐसे संगठनों में सामिल होते हैं उसको गुटनिरपेक्षता कहते हैं।भारत हमेशा गुटनिरपेक्षता के खिलाफ रहा हैं।भारत स्वतंत्र नीति बनाए रखने के लिए नाटो और सीटो का सदस्य नहीं बना।