हम खुद को मोटिवेट कैसे कर सकते हैं?
मोटिवेशन एक बहुत महत्वपूर्ण लफ्ज हैं।हमारी जिंदगी में एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं,जो हमारी जिंदगी से जुडा हुआ हैं।इसकी जरूरत हम सब को होती हैं,इसके बिना हमारा जीवन ही व्यर्थ हैं।हमे अपने लक्ष्यों,हमारी जरुरते,समाज में एक अच्छा नाम बनाने के लिए,अपने सपने को हासिल करने के लिए … आदि के लिए मोटिवेशन जरूरी होता हैं।एक उदाहरण के तौर पर समझते हैं।
दो व्यक्ति हैं।उन दोनो के सपने बहुत बड़े हैं।उनको अपने लक्ष को प्राप्त करना हैं या फिर कोई अच्छी तरीके से जिम्मेदारी पूरी करनी हैं।उसमे में एक व्यक्ति जोश,हिम्मत वाला,मोटिवेटेड हैं और दूसरा व्यक्ति निराश,जोश या हिम्मत वाला नहीं हैं और डिमोटिवेटेड हैं।
तो इन दोनों में से कोन अच्छी तरीके से जिम्मेदारी पूरी करेगा या अपने लक्ष को पहले प्राप्त करेगा ?
जो पहले वाला आदमी मोटिवेटेड और जोश से भरा हुआ आदमी हैं वह अच्छी तरीके से अपनी भूमिका निभा सकता हैं।
मेरा कहने का यह हैं की कुछ पाने का हो या कुछ भी करने का हो उसमे मोटिवेशन की आवश्यकता होती हैं।सबके लिए मोटिवेशन अलग अलग होता हैं किसी विधार्थी को परीक्षा में अच्छे मार्क्स से पास होना हैं,तो उसके लिए वह मोटिवेशन हैं।कोई क्रिकेटर हैं तो उसके लिए अच्छे रन बनाकर टिमको जिताना वह मोटिवेशन हैं।
हम खुद को मोटिवेट कैसे कर सकते हैं ?
Need (जरूरियात) होनी चाहिए
खुद को मोटिवेट करने के लिए need होनी चाहिए।जब हमारी कुछ जरूरत होगी,हमे कुछ चाहे तो उसको हम पूरा करने की कोशिश करेंगे।कुछ पाना या कुछ करना वह हमारी need हो गई।हमे कुछ पाना है तो हम सोचेंगे वह केसे पाए उसको पाने के लिए हम मेहनत करेंगे।उसके लिए हम मोटिवेटेड होगे।उसके लिए हमारा लक्ष्य तय होगा।जब हमे जो वस्तु चाहिए वह वस्तु मिल जाए तो हमारी need पूरी हो जायेगी।
जब हमारी need पूरी हो जाती हैं तब मोटिवेशन धीरे धीरे खतम हो जाता हैं।
ब्रेक ले (आराम करे)
कोई भी काम करने के बाद थोड़ा आराम करे।कभी खुद के लिए भी टाइम निकालना चाहिए।हम काम करते ही रहेंगे क्या खच्चरों की तरह।कभी न कभी तो रुकेंगे।
हमने डिस्कवरी पे देखा जब शेर कोई शिकार करता हैं उसके पहले वह एक जगह पर स्थिर रहता हैं।वो शिकार करने के लिए तैयार हो रहा होता हैं।फिर वह शिकार करता हैं।वो डायरेक्ट शिकार नहीं करता हैं।वो पूरा दिन शिकार करता ही नहीं रहता हैं।वो बिना तैयार हुए वह शिकार करता ही रहे तो शायद उसको एक भी शिकार न मिले।
इसमें यह सिख मिलती हैं की हमे खच्चरों की तरह काम करता ही नहीं रहना हैं।हमे आराम भी करना हैं।हमारे दिमाग को शांत करना हैं।दिमाग को शांत करना ही चाहिए क्यूंकि हमे इसी दिमाग से हमे जो भी सोचना और काम करना हैं।इसलिए दिमाग को हमे शांत करना हैं और दिमाग अच्छी अच्छी चीजें डालना और दिमाग को तेज करने के लिए हमे तैयार करना हैं।
अचीवर्स से मिले
कोई अचीवर्स से मिले तो उससे हमे क्या करना हैं कैसे करना हैं उसका खयाल आता हैं।उसके साथ मिले तब अच्छी बात होगी,आलतु फालतू बात नहीं होगी।उससे मिलने से हम चार्ज हो जाते हैं।वहा समस्या वाली कोई बात नहीं होगी,बल्कि जितने के रास्ते या जीवन में कुछ कर गुजरने की बात होगी।
मोटिवेशनल बुक पढनी चाहिए
हमे मोटिवेशनल बुक पढनी चाहिए।इससे हम मोटिवेट हो सकते हैं।हमारी अंदर सकारात्मक एनर्जी उत्पन्न होती हैं।हमारी सोच पॉजिटिव और हमारा नजरिया बदल जाता हैं।बुक पढ़ने से हम दिमाग अच्छा सोचते हैं और दिमाग में बिन जरूरी खयाल नहीं आते हैं।दिन की शरुआत बुक पढ़ने से करे तो हमारा दिन अच्छा जाता हैं।बुक पढने की हम हैबिट बना ले तो खुद में एक अच्छा बदलाव होगा।
हर दिन म्यूजिक सुने
वॉकिंग कर रहे हैं या कहीं जा रहे हैं तो म्यूजिक सुनो।म्यूजिक सुनने से हमे अच्छा फील होता हैं।म्यूजिक जो मोटिवेशनल हो तो,हमारी अंदर जोश भर देता हैं।
हमेशा खुद को अपने लक्ष याद दिलाते रहे
हमारा कोई लक्ष्य हैं उसके ऊपर हमने कार्य करना चालू कर दिया।शरुआत में हम पूरे जोश के साथ कार्य करते हैं।किंतु,फिर धीरे धीरे हमारा जोश कम होने लगता हैं।हम डिमोटिवेट हो जाते हैं। कोई बाधा उत्पन्न हो तो हम परेशान होने लगते हैं।काम में मन नहीं लगता हैं।यह सब होने लगता हैं तो हमे खुद को याद दिलाना चाहिए की हमे कार्य शुरू किसके लिए किया था।लक्ष को पाने के लिए या कार्य बंध करने के लिए?खुद को हिम्मत दीजिए अपने लक्ष को पाने के लिए पूरे जोश के साथ कार्य को करना शुरू कर दे।
मोटिवेशनल वीडियो देखने के कुछ वक्त के बाद एनर्जी डाउन क्यूं हो जाती हैं ?
हम मोटिवेशनल वीडियो देखते हैं या मोटिवेशनल म्यूजिक सुनते हैं तब तो हमारी अंदर जोश भर जाता हिम्मत आ जाती हैं।हम यह कर लेगे वह कर लेगे ऐसा खयाल आता हैं।हम एक टॉप लेवल पर पहुंच जाते हैं।किंतु,मोटिवेशनल वीडियो देखने के कुछ वक्त बाद हम डिमोटिवेट फील करते।
इससे यह साबित तो हो गया की कोई सामान्य इंसान अपने जीवन में कभी न कभी तो डिमोटिवेट हो जाता हैं।कोई सामान्य इंसान का अपने जीवन में उतार चढाव तो आता ही हैं।कभी सुख तो कभी दुख आता ही हैं।हर दिन हमारा एक जैसा नहीं जाता कभी कोई अच्छा गया तो कोई अच्छा न भी जाए।
हर हमेश मोटिवेटेड होने के लिए हमे हररोज मोटिवेटेड होना पडेगा।एक दिन मोटिवेटेड हो गए तो फिर चलेगा ऐसा नहीं हैं।हम अपनी शरीर की गंदगी को हटाने के लिए हररोज स्नान करते हैं,इसी तरह अपने दिमाग की गंदगी को हटाने के लिए हमे हररोज मोटिवेटेड होना पडेगा।
हर दिन खुद से यह बात करें
हम जब कोई काम start करते हैं तब ऐसा लगे की हम सफल होगे की नहीं होगे या हमे डर लगता हैं,हमारा आत्मविश्वास अडिग नहीं होता तब हमे अपने आपसे हर दिन मन में यह बात करके खुद को मजबूत बनाना हैं और मोटिवेटेड करना हैं।
मैं यह काम कर सकता हुं।
मेरा आत्मविश्वास अडिग हैं
मुझे खुद पर भरोसा हैं।
मुझे कोई डर नहीं लगता हैं।
में अपने लक्ष्य को हासिल कर सकता हुं।
भगवान मारी साथे छे।
मैं बहुत खुश हुं।
आजका दिन मेरा दिन हैं।
में अपना लक्ष्य किसी भी स्थिति में पा सकता हुं।
एसे कुछ शब्द जो आपको मोटिवेट करे वह आपको हर दिन मन में बोलना हैं।
निष्कर्ष
हम खुद को मोटिवेट कैसे कर सकते हैं इसके बारे में यह लेख हैं।यह लेख में जो टिप्स बताए गय वो आपको पसंद आई होगी।जो टिप्स बताए गय उसको हमने अच्छी तरह से समझाने की कोशिश की हैं।यह लेख आपको पसंद आए तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।यह लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद ……